उदास होने का भी भला कोई शबब हो सकता है क्या?????


 कभी -कभी दिन के दुसरे पहर में,या शाम के ढलते समय ,
जब सूर्य अपनी ढलती हुई लालिमा के साथ ,
समुद्र के किसी एक छोर पर,
अस्त होता है , उस समय
विचलित सा थोड़ा द्रवित सा ,
मन उदासी की लालिमा ओढ़े ,
पश्चिम की ओर डूबता जाता है,
अपने शामियाने में लौटते हुए पंछी,
खेत से घर लौटता हुआ थका हारा किसान,
मालिक से डॉट खाकर मायूस हुआ मज़दूर ,
जब मुँह को लटकाये, कन्धों को झुकाकर
पगडण्डी पर किसी सोच में डूबे हुए
चलते जाता है।
तब भी वो उदास होता है ,
लेकिन
यूँ हरदफा उदास होने का भी भला कोई शबब हो सकता है क्या?????

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