अस्मत लुटेरों का स्वर्णिम प्रदेश
वैसे तो मध्यप्रदेश सरकार बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर विज्ञापनों में करोड़ो रुपये ख़र्च करती है. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आप को मध्यप्रदेश के बच्चों का खासकर बेटियों के लिए स्वयं को उनका "मामा" घोषित किया है! महिला सुरक्षा कानून के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये है!
लेकिन अफ़सोस की बात है की इतने बड़े-बड़े जुमले करने के बावजूद भी मध्यप्रदेश महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नही है।
शिवराज सरकार द्वारा देखा गया स्वर्णिम मध्यप्रदेश का सपना केवल सपना बनकर गर्त में जाते दिखाई दे रहा है.
यहाँ पर बेटियों एवं महिलाओं की अस्मत हर घडी खतरे में रहती है।
हाल ही जारी 2015 की रिपोर्ट पर नज़र डाले तो हम पाते है की हमारे देश में 2015 में कुल 36935 बलात्कार की घटनाये हुई है ,जिसमे 5103 घटनाओं के साथ एक बार फिर से मध्यप्रदेश शीर्ष पर है।
अगर 2014 से तुलना करे तो हम देखते है की प्रदेश में इस साल 17 फीसदी ज्यादा बलात्कार और यौन शोषण जैसी घटनाये हुई है।
राष्ट्रीय अपराध बूयरो ने तो मध्यप्रदेश को "अस्मत लुटेरो का राज्य" घोषित कर दिया है। प्रदेश में 2004 से 2015 तक कुल 37487 बच्चियाँ लापता हुई है, ऐसे में कैसे यह स्वर्णिम मध्यप्रदेश कहलायेगा????
2013 में शिवराज सिंह ने एक सभा के दौरान कहा था की वे प्रदेश को महिला हिंसा मुक्त राज्य बनायेगे, लेकिन उनका कथन और वादा केवल एक नारा बनकर ही रह गया है।
देखा जाये तो मध्यप्रदेश सरकार बेटियों और महिलाओं की शिक्षा एवं सुरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा व्यय करती है , लेकिन हालातों में कोई भी सुधार आता नज़र नही आ रहा है. आये दिन प्रदेश में महिला लगातार घुट घुट कर अपनी जान दे रही है ,कभी यौन हिंसा,कभी दहेज़ कभी शिक्षा और न जाने किस किस तरह से घुटते हुए वह अपनी इहलीला समाप्त किये जा रही है ,लेकिन सरकार का इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नज़र नहीं आ रहा है।
प्रदेश की सारे देश में किरकिरी मची हुई है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही जब प्रदेश विश्व स्तर पर अस्मत लुटेरो का राज्य बन जायेगा।
हमारी सरकार को चाहिए की वे महिलाओं और बच्चियों के हित एवं सुरक्षा हेतु कोई ठोस एवं ज़िम्मेदार कदम उठाये ताकि वे अपने आप को पूर्णतः सुरक्षित महसूस कर सके.तभी हम एक समृद्धशाली और स्वर्णिम मध्यप्रदेश की कल्पना कर सकते है. .. ........
लेकिन अफ़सोस की बात है की इतने बड़े-बड़े जुमले करने के बावजूद भी मध्यप्रदेश महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नही है।
शिवराज सरकार द्वारा देखा गया स्वर्णिम मध्यप्रदेश का सपना केवल सपना बनकर गर्त में जाते दिखाई दे रहा है.
यहाँ पर बेटियों एवं महिलाओं की अस्मत हर घडी खतरे में रहती है।
हाल ही जारी 2015 की रिपोर्ट पर नज़र डाले तो हम पाते है की हमारे देश में 2015 में कुल 36935 बलात्कार की घटनाये हुई है ,जिसमे 5103 घटनाओं के साथ एक बार फिर से मध्यप्रदेश शीर्ष पर है।
अगर 2014 से तुलना करे तो हम देखते है की प्रदेश में इस साल 17 फीसदी ज्यादा बलात्कार और यौन शोषण जैसी घटनाये हुई है।
राष्ट्रीय अपराध बूयरो ने तो मध्यप्रदेश को "अस्मत लुटेरो का राज्य" घोषित कर दिया है। प्रदेश में 2004 से 2015 तक कुल 37487 बच्चियाँ लापता हुई है, ऐसे में कैसे यह स्वर्णिम मध्यप्रदेश कहलायेगा????
2013 में शिवराज सिंह ने एक सभा के दौरान कहा था की वे प्रदेश को महिला हिंसा मुक्त राज्य बनायेगे, लेकिन उनका कथन और वादा केवल एक नारा बनकर ही रह गया है।
देखा जाये तो मध्यप्रदेश सरकार बेटियों और महिलाओं की शिक्षा एवं सुरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा व्यय करती है , लेकिन हालातों में कोई भी सुधार आता नज़र नही आ रहा है. आये दिन प्रदेश में महिला लगातार घुट घुट कर अपनी जान दे रही है ,कभी यौन हिंसा,कभी दहेज़ कभी शिक्षा और न जाने किस किस तरह से घुटते हुए वह अपनी इहलीला समाप्त किये जा रही है ,लेकिन सरकार का इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नज़र नहीं आ रहा है।
हमारी सरकार को चाहिए की वे महिलाओं और बच्चियों के हित एवं सुरक्षा हेतु कोई ठोस एवं ज़िम्मेदार कदम उठाये ताकि वे अपने आप को पूर्णतः सुरक्षित महसूस कर सके.तभी हम एक समृद्धशाली और स्वर्णिम मध्यप्रदेश की कल्पना कर सकते है. .. ........
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