mera bharat mahan

आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति के इस दौर मे यह तय करना मुश्किल हो गया हैं कि आखिर सच क्या हैं और झूठ क्या ??
लोकतंत्र तो सिर्फ एक मजाक बनकर रह गया हैं।इस अंधी राजनीति वाले दौर मे जनता का महत्व तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा,जनता का दायित्व सिर्फ़ वोट देने तक हि सिमट कर रह गया हैं ,इसलिए इसे जनतातंत्र कहने कि बजाय नेतातंत्र कहे तो कुछ बुरा नहीं होगा।।खैर छोडिये स्वतंत्रता दिवस आने वाला हैं,तो शुरू हो जाइए अब कि ‪#‎मेरा‬-भारत ‪#‎महान‬।।।

‪#‎कसरादे‬-Ji

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