कोई हमसे भी तो बोलो यारों

कोई हमसे भी तो बोलो यारों
राज़ दिलो के खोलो यारो
क्यूँ सहमे सहमे बैठे हो
क्यूँ उखड़े उखड़े रहते हो
छोडो सब अनजानी बातें
पल ज़िन्दगी का जी लो यारो
कोई हमसे भी तो.……।
नये लगते हो तुम यहाँ पर
नये हम भी है यहाँ पर
थोड़ा डर बना रहने दो
थोड़ी हँसी निकलने दो
तोड़ दो कुछ हदों को
कुछ हदों को पी लो यारों
कोई हमसे भी तो ………।
राज़ दिलों के ………


 पंकज

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