"कभी गाड़ी नाव पर तो कभी गाड़ी पर नाव"

क्यों रें अज्जू--- क्या हो रहा हैं आजकल, सुना हैं सरकार आकडो से देश की प्रगति के अंदेशे का झूठा जामा पहना रही हैं। कह रही हैं कि हम प्रगति के अविरल पथ पर लगातार चलायमान हो रहै हैं । क्या सत्यता हैं भई इसमें जरा बताओ तो?? अज्जू- हाँ भाई सुनने मे तो अभी यही आ रहा हैं कि हमारी ग्रोथ बढ़ रही हैं,बड़े बड़े अखबार और पत्रिकाओं मे तो यही छप रहा हैं कि हम उत्थान के पथ पर है। आकडो से भविष्य की नीव रखी जा रही है भाई वर्तमान के परिदृश्य को सापेक्ष रखकर। वर्तमान के परिदृश्य को सापेक्ष रखकर?? तनिक विस्तार से बताओ भाया कैसे ? अज्जू- देख भाई ऊ का हैं न कि आजकल हमारे देश मे आकडो और तथ्यों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा बजाय शुरूआती विकास और ग्रामीण क्षेत्रों मे हो रहै निवेश को छोडकर। ग्रामीण क्षेत्रों मे निवेश ??? यह क्या बोल रहै हो भाई कोन सा निवेश हुआ है ग्रामीण क्षेत्र मे ?? अज्जू-- अरे!ऐसा हमारी सरकार कह रही हैं भ्राता, आजकल क्या अखबार वखबार पढ़ना छोड़ दिये हो का तुम जो ऐसे चकराय रहै हो ग्रामीण क्षेत्रों मे निवेश की बात सुनकर? अरे हाँ ऊ बहुत दिन हो गया हैं न परीक्षा के चलते अखबार पर नजर ही नहीं डाल पाया। ओह! चलो कोई नी अब पढ़ना हाँ तो हम बता रहै थे कि ग्रामीण क्षेत्रों मे निवेश के ऊपर आजकल बड़ा मिथक चल रहा हैं । सरकार कह रही है कि गाँव की शिक्षा पद्धति,उसकी खस्ताहाल हुई सडके,बाल मजदूरी करते बच्चे और ऊ का कहते हैं डिजीटलाईजेशन मे सुधार और विकास किया जा रहा हैं । अरे! हाँ ई तो हम भी देखे थे अभी टीवी पर कि ऊ कुछ प्रधानमंत्री ने कोई कोई सी योजनाओं की शुरुआत की हैं । हाँ हाँ वहीं तो बताय रहै है हम तुमको की इसी तरह विज्ञापन दिखा कर लोगों को भ्रमित करने का काम शुचारू रूप से प्रगति पर हैं । योजनाएँ तो पंडित नेहरू के जमाने से बनती आ रही हैं पर ये योजनाएँ महज अखबारों और टीवी पर दिखने वाले विज्ञापनों तक ही सिमट कर रह जाती हैं ।


प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री पेयजल योजना, राजीव गांधी शिक्षा मिशन, बाल श्रम पर बनाए गये सैकड़ों पन्नों मे लिखित कानून, नारी शक्ति योजना आदि आदि आदि। इन सब के बारे मे तो हम बचपन से सुनते आ रहै है और अभी इतिहास की किताबों मे पढ़ भी रहै हैं । हाँ भिया ये तो हम भी पढ़ते आ रहै हैं लेकिन सिर्फ पढ़ते आ रहै है कि योजना बनी है, लेकिन योजना सफल हुई या उसका कुछ लाभ जनता तक पहुँचा हो यह कभी नही पढ़ा ? अज्जू--- भाई योजनाओं की सफलता की कहानी हमे तब पढ़ने को मिलेगी जब हम खुद अपने हक के लिये लडेगे, सरकार को कार्य करने पर विवश करेंगे, न कि यहाँ पर फेसबुक पर और ट्वीटर पर बैठकर इसकी उसकी शिनाख्त करेगे की इसने यह कहा उसने वह कहा समझे?? हाँ समझ गया भाया यही न कि "कभी गाड़ी नाव पर तो कभी गाड़ी पर नाव"

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