बस जबसे तुम खामोश रहने लगे ...
तुम बात करने में इतना हिचकिचाती क्यों हों?
क्योंकि तुम पत्थर की तरह एकदम ढीठ और खामोश रहते हो।
वाकई,सच में,
हाँ ..
पर तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता हैं, और लोग भी तो बात करते है मुझसे उन्हें तो ऐसा कुछ नही लगता।
क्यूँ, तुम्हे नही लगता की उन और लोगों में और मुझमे बहुत अंतर हैं।
वाकई,सच में,
हाँ ..
पर तुम्हें ही ऐसा क्यों लगता हैं, और लोग भी तो बात करते है मुझसे उन्हें तो ऐसा कुछ नही लगता।
क्यूँ, तुम्हे नही लगता की उन और लोगों में और मुझमे बहुत अंतर हैं।
हाँ,लगता तो हैँ,
वैसे उन और लोगों में और तुममे क्या अंतर हैं?
वैसे उन और लोगों में और तुममे क्या अंतर हैं?
यही की वो सब दुनिया को देखकर तुमसे बात करने आ जाते है,
और मैं तुम्हें देखकर।
और मैं तुम्हें देखकर।
हाहाहाहा......
तुम इतनी बड़ी बड़ी बातें कब से करने लगी।
बस
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